"तीन दिवसीय 33वी क्षेत्रीय खेलकूद प्रतियोगिता का समापन समारोह"

"तीन दिवसीय 33वी क्षेत्रीय खेलकूद प्रतियोगिता का समापन समारोह" "यूं ही नहीं मिलती राही को मंजिल, एक जुनून सा जगाना पड़ता है, पूछा चिड़िया से कैसे बना आशियाना, तो बोली; भरनी पड़ती है उड़ान बार-बार, तिनका तिनका उठाना पड़ता है। " श्री राजकुमार जी ( संस्थापक साईं इंजीनियरिंग फाउंडेशन शिमला हिमाचल प्रदेश) सरस्वती विद्या मंदिर हिम रश्मि परिसर विकास नगर में पिछले 3 दिनों से चल रही "33वी क्षेत्रीय खेलकूद प्रतियोगिता" का आज सफलतम समापन हुआ। इस समापन कार्यक्रम में साईं इंजीनियरिंग फाउंडेशन के संस्थापक श्रीमान राजकुमार जी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की ।

सर्वप्रथम विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्रीमान कुशल शर्मा जी ने सभी के समक्ष अधिकारी वर्ग का परिचय रखा और मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि को टोपी व शॉल पहनाकर सम्मानित भी किया उसके पश्चात उत्तर क्षेत्र के शारीरिक शिक्षण प्रमुख श्रीमान मलखान जी ने इन पूरी खेलों का वृतांत सबके समक्ष रखा और कहा कि यह क्षत्रिय खेलकूद प्रतियोगिता का चौथा चरण है जिसमें योगासन, टेबल टेनिस और शतरंज की प्रतियोगिताओं में पांच प्रांतो के 318 खिलाड़ी भैया बहनों ने भाग लिया इस प्रतियोगिता में दो क्षेत्रीय अधिकारी 28 निर्णायक व 42 संरक्षक आचार्य/दीदियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में मुख्य अतिथि जी ने छात्र भैया बहनों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि "यूं ही नहीं मिलती राही को मंजिल एक जुनून सा जगाना पड़ता है, पूछा चिड़िया से कैसे बना आशियाना तो बोली भरनी पड़ती है उड़ान बार-बार तिनका तिनका उठाना पड़ता है" इसके माध्यम से उन्होंने खिलाडी भैया बहनों को संदेश पहुंचाने का प्रयास किया कि सफलता पाने के लिए किसी भी व्यक्ति को जीवन में बार-बार मेहनत करनी पड़ती है तभी उसे अपने कार्य में सिद्धता मिलती है उन्होंने आगे कहा कि किसी भी खेल में हार और जीत एक सिक्के के दो पहलू हैं सफलता किसी भी व्यक्ति के जीवन में अहंकार ला सकती है और असफलता व्यक्ति के निराशा का कारण बन सकती है ,लेकिन विद्या भारती द्वारा दिलाई जा रही संस्कार युक्त एवं गुणात्मक शिक्षा से विद्यार्थी व खिलाड़ी के जीवन में इन दोनों गुणों व दोषों के लिए कोई स्थान नहीं है क्योंकि विद्या भारती लगातार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार का कार्य कर रही है और शिक्षा के साथ-साथ व्यक्ति निर्माण का कार्य कर रही है। उन्होंने सभी खिलाडी भैया बहनों को इससे प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इसके पश्चात मुख्य अतिथि व अन्य अधिकारी वर्ग ने सभी खिलाड़ी भैया बहनों को प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान पाने के लिए सम्मानित किया । इस समापन समारोह का मुख्य आकर्षक स्थानीय विद्यालय के छात्र भैया बहनों की मनोरंजक प्रस्तुति रही जिसने अधिकारीगण एवं 5 प्रांतों से आए सभी खिलाड़ी भैया बहनों का मन मोह लिया। उत्तर क्षेत्र के इस समापन कार्यक्रम में डॉक्टर जनक जी (विशेष अतिथि),श्री राजेंद्र जी( विशेष अतिथि), श्री हर्ष जी,श्री ज्ञान जी,श्री कुशल शर्मा जी, श्री लेखराज ठाकुर जी, श्री घनश्याम जी, श्री युगल किशोर जी, श्री दिलीप ठाकुर जी विशेष रूप से उपस्थित रहे

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