सरस्वती विद्या मंदिर , हिम रश्मि परिसर स्कूल के छात्रों ने मनाया विश्व पर्यावरण दिवस


World Environment Day 
"सरस्वती विद्या मंदिर , हिम रश्मि परिसर स्कूल के छात्रों ने मनाया विश्व पर्यावरण दिवस"
4 जून 2022 को सरस्वती विद्या मंदिर , हिम रश्मि परिसर हमारे विद्यालय ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।इस कार्यक्रम में सभी छात्रों और संकाय सदस्यों ने पूरी ऊर्जा के साथ भाग लिया है। कार्यक्रम में हमारे प्रधानाचार्य एवं आचार्य वर्ग भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से अपने पर्यावरण को बचाने के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना और अपनी धरती मां को हरियाली से भरपूर बनाने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाना है।कार्यक्रम सुबह 9:30 बजे प्रार्थना के साथ शुरू हुआ। इस के अंतर्गत विद्यार्थियों को जिम्मेदार नागरिक बनाने हेतु प्रदूषण नियंत्रण करने के तरीके बताए गए। वर्तमान समय में दूषित पर्यावरण के नतीजों को देखते हुए विद्यार्थियों को पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने और अपने आस-पास को साफ रखने गंदगी फैलाने के निर्देश दिए गए।विद्यालय के प्रधानाचार्य महोदय ने आज हमारे पर्यावरण की स्थिति कैसी है और हमें जागरूक होने की आवश्यकता क्यों है, इस बारे में बहुत अच्छा और शोधपूर्ण भाषण दिया। प्रधानाचार्य ने कहI स्कूल में शिक्षा का उद्देश्य केवल पुस्तकीय ज्ञान नहीं है, अपितु विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है।अंत में उन्होंने सभी छात्रों से एक वादा लिया कि कोई भी पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करेगा और ही किसी को ऐसा करने देगा। पौधरोपण कार्यक्रम समाप्त होने के बाद सभी छात्रों को स्कूल के सभागार में भेज दिया गया। जहाँ पर आरोग्य भारती संस्था के द्वारा Bal Raksha Kit free Distribution Program आयोजित किया गया | जिसमे हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के तौर पर शामिल हुए. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की सुनहरी परंपरा को आगे बढ़ाने की जरूरत है. इस अवसर पर राज्यपाल ने आरोग्य भारती संस्था द्वारा चयनित बच्चों को बाल रक्षा किट भी बांटी. इस कीट में बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा से संबंधित सामग्री दी गई है. कार्यक्रम का आयोजन हिमाचल शिक्षा समिति और अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली के सहयोग से किया गया.इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम पूरे देशभर में आयोजित किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह (आयुर्वेद) हमसे दूर नहीं गया. हम अपने घर के आंगन में लगाए गए औषधीय पौधों का उपयोग करते हुए पले बढ़े और स्वस्थ रहे. हमारे घर के आंगन में तुलसी का पौधा आज भी उगाया जाता है. राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल में वैद परंपरा बहुत पुरानी है और वे जड़ी-बूटियों के उचित उपयोग में माहिर हैं. राज्यपाल ने आरोग्य भारती के (Aarogya Bharti Shimla) प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह बच्चों के स्वास्थ्य की दिशा में कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की पुरानी पारम्परिक पद्धति को बढ़ावा देने के लिए संगठन देश में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है, जो सराहनीय है. राज्यपाल ने इस अवसर पर आरोग्य भारती पत्रिका का विमोचन भी किया. इस अवसर पर राज्यपाल ने बच्चों को बाल सुरक्षा किट (Governor distributes Bal Raksha kit) भी वितरित की |

Post a Comment

0 Comments